शुभम जायसवाल ने जारी किया वीडियो, कहा- झूठे मामले में फंसाया जा रहा
कफ सिरप मामले में आरोपी शुभम जायसवाल ने अपना वीडियो जारी किया है। इसमें उसने नारकोटिक्स अधिकारियों पर अवैध धन उगाही का आरोप लगाया। इस मामले को राजनीतिक रंग दिये जाने पर आपत्ति जताई है। नारकोटिक्स के अधिकारी के कहने पर गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज कराया गया।
सदन में मुद्दा उठाए जाने पर शुभम ने कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। कहा कि अबॉट कंपनी के लाइसेंस के आधार पर कफ सिरप की खरीद बिक्री की है। यदि मैं गलत हूं तो अबॉट कंपनी पर क्यों नहीं कोई कार्रवाई की गई। अखिलेश यादव से अपील किया की प्लीज कोई गलत मुद्दा सदन में न उठाएं। कहा कि इस मामले का उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
सहारनपुर के विभव राणा गिरोह पर वर्ष 2021 में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शिकंजा कसना शुरू किया तो शुभम ने 2022 में अपने पिता के नाम से शैली ट्रेडर्स नामक फर्म बनाई। विभव की फर्म जीआर ट्रेडिंग पर सवाल उठने का लाभ लेकर अपनी फर्म को सिरप निर्माता कंपनी एबाट हेल्थ केयर लिमिटेड से मुख्य वितरक का दर्जा दिलाया। पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तस्करी में अड़चनों से बचने के लिए रांची में गोदाम बनाया और वहां से पूर्वांचल की फर्मों के लिए आपूर्ति दिखाई। कहीं नई फर्मों के नाम पर फर्जी आपूर्ति तो कहीं बगैर कुछ किए दो से चार प्रतिशत के कमीशन का लालच देकर गाजियाबाद, मेरठ से लेकर प्रयागराज तक शुभम ने ऐसा नेटवर्क फैलाया कि महज छह माह में इस काले कारोबार का सरगना बन गया।
बता दें कि सहारनपुर की जीआर ट्रेडिंग और सचिन मेडिकोज ने तस्करों का बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया था। 2021 में जब एसटीएफ वाराणसी और एनसीबी ने इसकी कमर तोड़नी शुरू की तो इस धंधे से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों ने नए नेटवर्क की जरूरत महसूस की। इसके लिए बेनकाब हो चुके चेहरों के अलावा नए नाम तलाशे गए। यूपी में सहारनपुर की बजाय गाजियाबाद को भंडारण का ठिकाना बनाया गया। गाजियाबाद के नेटवर्क की जिम्मेदारी आसिफ-वसीम ने संभाली और पूर्वांचल की जिम्मेदारी शुभम को सौंपी गई। बाद में आसिफ दुबई चला गया और शुभम को यूपी, असम, झारखंड, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की जिम्मेदारी सौंप दी गई। वसीम पश्चिम बंगाल का नेटवर्क संभालने में लग गया।
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